त्राहि त्राहि मैं नाथ पुकारो। यहि अवसर मोहि आन उबारो॥ अर्थ: आपके सानिध्य में नंदी व गणेश सागर के बीच खिले कमल के समान दिखाई देते हैं। कार्तिकेय व अन्य गणों की उपस्थिति से आपकी छवि ऐसी बनती है, जिसका वर्णन कोई नहीं कर सकता। त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे https://shiv-chalisa-lyrics-pdf97898.blogproducer.com/36200167/shiv-chalisa-lyrics-fundamentals-explained
Shiv chalisa lyrics in marathi - An Overview
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